सोमवार, जून 08, 2009
यहाँ कचरा फेंकना मना है
इंग्लेंड आने से पहले जब मैं भारत में थी विदेशियों को हमेशा कहते सुनती थी भारतीय बहुत गंदगी मचाते हैं, जहाँ देखो कचरा फैलाते रहते हैं. यहाँ आने से पहले सब बोले अब तुम इंग्लेंड में घूमना एकदम साफ देश में. हमे भी लगा अरे वाह स्वर्ग में पहुच जाएँगे. कहाँ तो भारत में दुनिया से लड़ाई मोल लिए रहते थे,अरे आप यहाँ कचरा मत फेंको, ये मत करो और अब इस किचकिच पिच पिच से छुटकारा. हम भी बहुत उत्साहित थे विमान से उतरे लंदन की ज़मीन पे कदम रखा. हवाई अड्डे से बाहर आने तक तो सब सही था ट्यूब में बैठते ही देखा यहाँ वहाँ शीतल पेय, जूस के खाली डिब्बे घूम रहे हैं जैसे ये यातायात के साधन सिर्फ़ उन्ही के लिए बने हैं. हमने अपने दिल को कहा अरे भाई ग़लती से रह गया होगा रात के 11 बजे हैं सुबह सॉफ होगा. आज यहाँ रहते हुए 10 महीने होने को आए. सड़को पर गंदगी तो छोड़िए ट्यूब, ट्रेन, बस तक में यहाँ वहाँ ना खाली डिब्बे, रेपर्स बल्कि छोटी छोटी हड्डियाँ तक पड़ी रहती हैं जिन्हे देख दिल अजीब सा हो जाता है. भारत में रहते हुए तो हम फिर भी लोगो को टोक देते थे की कचरा सिर्फ़ कचरा पात्र में डाले या घर जाकर फेंके और कई बार लंबे रास्ते मे ट्रेन में खाली थेली लेके चलते थे की सहयात्री इसमे कचरा फेंक दे और हम उतरने से पहले इसको फेंक देंगे और लोग सुनते भी थे चाहे थोड़ी बड़बड़ करे. पर यहाँ तो अगर आप किसी को कुछ कहने की हिमाकत करे तो आपको उल्टा हज़ार सुनने को मिलेगी और बीच रास्ते में ही उतर जाना पड़ेगा. शायद यही फ़र्क है विकसित और विकासशील राष्ट्र में. विकसित राष्ट्र अपना विकास करना बंद कर देते है खुद को महान, पर्फेक्ट समझ कर और विकासशील राष्ट्र अपने को बेहतर बनाने के लिए सुधार पर अमल करते हैं.
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6 टिप्पणियाँ:
पिछली बार ब्रुसेल्स से दिल्ली के लिये वाया लन्दन फ़्लाइट ली थी, हीथ्रो जैसा एयर पोर्ट पूरे यूरोप मे नही देखा, गन्दगी के मामले मे :)।
सफ़ाई आप छोटे शहरों मे देख सकती हैं, यूरोपियन यूनियन के सभी देश ब्रिटेन से अधिक स्वच्छ हैं।
काबुल के घोड़े प्रसिद्ध हैं लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि वहाँ गधे नहीं होते।
आश्चर्यजनक तथ्य व रोचक खास तौर से उनकी आँखे खोलने के लिए जो विदेशों से आकर केवल वहां की सफाई की महत्ता गातें हैं
आईये कभी टोरंटो..लंदन से बेहतर लगेगा हर हाल में. :)
ab kya kahein hum
सही कहा आपने, स्वयं को विकसित मान विकास के अगले रस्ते स्वयं बंद कर ले रहे हैं ये. किस विषय में रिसर्च कर रही हैं आप, क्योंकि मैं भी इसी क्षेत्र में हूँ.
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