बुधवार, जून 24, 2009

हिन्दी ब्लॉग जगत

हिन्दी ब्लॉग जगत से जबसे मैं रूबरू हुई तबसे मुझे लगा जैसे कोई बड़ा खजाना मेरे हाथ लग गया है. एक ऐसा माध्यम जिससे हर इंसान को अभिवय्क्ति का अधिकार मिल गया है. अब किसी को अपने अंदर उमड़ रहे विचारो, भावों को प्रकट करने से डर नही लगेगा, कोई भी अपने विचारो से दुनिया को अवगत करा सकता है, अब किसी को प्रकाशकों की मिन्न्ते नही करनी पड़ेगी अपनी रचना छापने को और ना ही अपनी रचनाए प्रकाशित करवाने के लिए अब किसी को अपना घर या गहने गिरवी नही रखने पड़ेंगे. जहाँ एक और लेखको के लिए यह जादुई चाभी है वही दूसरी और हिन्दी ब्लॉग जगत मुझ जैसे हज़ारों लोगो की हिन्दी रचनाए पढ़ने की इच्छा को भी पूरी कर रहा है. उत्तर भारत के अलावा कहीं भी हिन्दी पुस्तके मिलना अत्यंत कठिन है, और आज की भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे सबके लिए उन्हे ढूँढना और भी कठिन. ऐसे मे हज़ारों लोगो को हिन्दी भाषा से जोड़े रखने मे ब्लॉग जगत अत्यंत कारगर साबित हुआ है. हार्दिक आभार उन सभी के प्रति जो किसी ना किसी रूप मे इस माध्यम से जुड़े हुए हैं.

19 टिप्पणियाँ:

Gyan Darpan ने कहा…

आपका भी आभार हिंदी ब्लॉग जगत से जुड़ने के लिए |

sanjay vyas ने कहा…

आपके भाव संसार की कुछ छविया यहाँ मिलने के उम्मीद में.

Udan Tashtari ने कहा…

अब खजाना हाथ लग गया है तो खंगालिये. अच्छा है आपका आना इस जगत में.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

दुनिया को खूबसूरत देखने की चाह रखने वालों ने ही दुनिया को बदला है।

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

इस ब्लाग जगत में घूमना दुनिया घूमने जैसा ही है...स्वागत है आपका...

Anil Pusadkar ने कहा…

स्वागत है इस ब्लाग परिवार में।

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत बहुत स्‍वागत है आपका ।

VISHWANATH SAINI ने कहा…

यह खजाना नशीब वालों के ही हाथ लगता जी. स्वागत है आपका यहाँ.

L.Goswami ने कहा…

बहुत-बहुत स्‍वागत है.

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

कोई खजाने को भला
हाथ से जाने देता है
आप भी जाने मत देना
कोई मांगे तो टिप्‍पणी
जरूर देना।

विवेक रस्तोगी ने कहा…

स्वागत है आपका..

रंजन ने कहा…

स्वागत..

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

खूब लिखें और सार्थक लिखें....इसी शुभकामना के साथ आपका भी स्वागत है।

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत स्‍वागत है आपका ।

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत स्‍वागत है आपका ।

Bhawna Kukreti ने कहा…

सुरभि जी ..क्या मैं आपको सिर्फ़ "सुरभि " संबोधित कर सकती हूँ ?
आपका नाम जितना सूकून देने वाला है , आशा है की आपकी रचनायें मुझे , मेरे मन को और अन्य ब्लॉग साथियों को भी सूकून पहुंचाएंगी। आपको अनुसरण कर रही हूँ , मेरी उम्मीद टूटने मत दीजियेगा ।
आपकी साथी
भावना

Dr. Ashok Kumar Mishra ने कहा…

sahi kaha aapney. ab apney vicharon ko poori duniya sey bantey rahiyey

Himanshu Pandey ने कहा…

संसार का सौन्दर्य आँख वालों को ही दिखता है ।
आपका स्वागत है इस ब्लॉग-परिवार में । भावना जी की राह पर हम भी चल पड़े हैं । आभार ।

सुरभि ने कहा…

आप सभी की शुभकामनाओ के लिए हार्दिक धन्यवाद. कोशिश रहेगी की मैं आप सभी की उम्मीदों पर खरी साबित होऊँ.

 

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