मंगलवार, फ़रवरी 01, 2011
मन का उजाला
ज़िन्दगी में कितने ही अँधेरे आयें
पर मेरे मन का उजाला
हर अँधेरे को खिलखिलाती सुबह बनाने ,
और हर रात को जगमगाने को तैयार है :)
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मेरा जन्म हुआ इश्क से...मेरा जन्म हुआ इश्क के लिए...इश्क का हर रूप हर रंग जीवन में यहाँ वहां छलका हुआ है...ढूंढ सको तो ढूंढ लो जो रंग चाहिए जीवन इन्द्रधनुषी करने के लिए
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