मूर्खता : एक सात्विक गुण
5 वर्ष पहले
मेरा जन्म हुआ इश्क से...मेरा जन्म हुआ इश्क के लिए...इश्क का हर रूप हर रंग जीवन में यहाँ वहां छलका हुआ है...ढूंढ सको तो ढूंढ लो जो रंग चाहिए जीवन इन्द्रधनुषी करने के लिए
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3 टिप्पणियाँ:
Behad sundar abhivyakti. Sadhuwad.
बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट आयी ह। भावों का अतिउत्तम एवं सरल बहाव। इस कठिन समय में लिखते रहिये और संदेस देते रहिये की यह समय भी गुज़र जायेगा।
बहुत सुंदर सुरभि, भावों से लबरेज़ हो भावाकुल भी कर देती हो ऐसी ही सदा रहो
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