सोमवार, फ़रवरी 15, 2010




हैं अरमान बहुत से इस दिल के
और हैं होंसले भी बुलंद बहुत इस दिल के
देखे कब ये दिल जिद्द पर आता है
और तुझको तुझ से चुरा ले जाता है !


चित्र साभार गूगल

5 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत खूब!!

रानीविशाल ने कहा…

वाह!! क्या कहने...सुन्दर!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर
जिसपर दिल आया उसको चुराना क्यों, उसे तो दिल में बिठा लेंगे.

संजय भास्‍कर ने कहा…

मेरे पास शब्द नहीं हैं!!!!

बस इतना कहूँगा कि मुझे भाव बहुत सुन्दर लगे

Yatish ने कहा…

ये चोरी कभी न होगी
न सीनाजोरी होगी
ये ऐसा रोग है
जो लगाये नहीं लगता

 

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