तुमको पाकर दुनिया बिलकुल नयी सी हो गयी...ऐसा नहीं तुम पहले बार मिले हो पर इस तरह बस इस बार मिले...अब कोई उलझन मुझे उलझती नहीं अब कोई परेशानी मुझे डरती नहीं...सांस लेती हूँ तो पूर्णत जीवंत होने का अहसास पाती हूँ....लोगों की बातें, लोगों के ताने कुछ मुझ तक पहुच नहीं पाते...जब भी तैयार होने को आईने के सामने खड़ी होती हूँ...सोचती हूँ कौनसा रंग है जो तुम्हे रुचेगा...कौनसी लिपस्टिक है जिसे मेरे होठो पे देख तुम उसको चखने को मचल उठो....कौनसा परफ्यूम है जो तुम्हे बस मेरे होने का अहसास दिलाएगा...कोई ऐसे सुगंध जो बस मेरी ही हो...Bvlgari का rose क्या तुम्हारी साँसों को गुलाबी गुलाबों की खुशबु से महका पायेगा....Elizabeth Arden का मेरा पसंदीदा इत्र तुम्हे सुबह से ताजगी दे पायेगा...Burberry का चन्दन, मोगरे की खुशबु का मेरा नया इत्र तुम्हारी साँसे सुवासित कर पायेगा ....Dolce & Gabbana का एकदम नया निकला लिमिटेड एडिशन जिसकी खुशबु दावा करती है किसी को भी अपनी और खीचने की तुम्हे खीच पाएगी...Marc Jacobs का Daisy क्या तुम्हे जादुई दुनिया में ले जा पायेगा....Lancôme का attraction क्या तुमको मेरी और आकर्षित रख पायेगा...Chanel का एक शताब्दी से इत्र की दुनिया में राज कर रहा perfume क्या तुम्हारे दिल को भी छु पायेगा...Givenchy का अब तक का सबसे सेंसुअल perfume क्या तुम्हे भी इंसानी दुनिया से दूसरी दुनिया में ले जा पायेगा....बस यही सोच कर मैं और भी जाने कितने इत्र लगाती हूँ पर सबको हटा देती हूँ...कोई खुशबू नहीं जो मेरे मन को छु पाए...आँख बंद कर मैं एक गहरी सांस लेती हूँ तो मेरा मन कहता है तुम्हारी सांस को महका पाए,तुम्हे हर पल बस मेरे होने का अहसास दिलाये वो मेरी अपनी खुशबू ही हो सकती है...इस खुशबु को कोई भी bottled नहीं कर सकता सिर्फ तुम उसको महसूस कर सकते हो...तुम्हे चाहिए भी तो सब जो सिर्फ तुम्हारा हो तुम्हारे लिए हो...तो बस एक मेरी ही खुशबू ही जो बस तुम्हारी है.
मूर्खता : एक सात्विक गुण
5 वर्ष पहले